तुम्हारा फाग होगा रंगीन मगर
मेरे आशियाने पर तो ..खुदा के
अभी अभी बरसे हैं ..दहकते शोले
हे ! विकास का ढोल पीटने वालो
क्या देखा है कभी किसी गरीब की
कोठरी को जो बनी है नाजायज जमीन पर
तुम्हारे बड़े बड़े पोस्टरों की छत से
तुम ..आका तो बन गए हो ...मगर
कभी नहीं सोचा तुमने
तुम्हारे वादों पर हाथ काटकर देने वाले
किस हाल में जिंदगी बसर करते हैं
जानते हो छत में हैं कितने ही
उम्मीद के सुराख ...जहाँ से अक्सर
तेज़ाब बरसता है ..फागुन होगा तुम्हारा
अगर तुम आ भी गए कभी ..खेलने
फाग मेरे दरवाजे पर ...सच कहता हूँ
नाली के पानी में ..अपना खून मिलाकर
तुमसे फाग ..जरुर खेलूंगा
और तब तुम्हारी फोटो भी खिंचवाउंगा
जिसके नीचे लिखूंगा ..लहू से अपने
हमारे नरक के पालन हार ..श्री श्री श्री
कामचोर झूठे नेताजी ..तीन बार विजेता
शब्द मसीहा
मेरे आशियाने पर तो ..खुदा के
अभी अभी बरसे हैं ..दहकते शोले
हे ! विकास का ढोल पीटने वालो
क्या देखा है कभी किसी गरीब की
कोठरी को जो बनी है नाजायज जमीन पर
तुम्हारे बड़े बड़े पोस्टरों की छत से
तुम ..आका तो बन गए हो ...मगर
कभी नहीं सोचा तुमने
तुम्हारे वादों पर हाथ काटकर देने वाले
किस हाल में जिंदगी बसर करते हैं
जानते हो छत में हैं कितने ही
उम्मीद के सुराख ...जहाँ से अक्सर
तेज़ाब बरसता है ..फागुन होगा तुम्हारा
अगर तुम आ भी गए कभी ..खेलने
फाग मेरे दरवाजे पर ...सच कहता हूँ
नाली के पानी में ..अपना खून मिलाकर
तुमसे फाग ..जरुर खेलूंगा
और तब तुम्हारी फोटो भी खिंचवाउंगा
जिसके नीचे लिखूंगा ..लहू से अपने
हमारे नरक के पालन हार ..श्री श्री श्री
कामचोर झूठे नेताजी ..तीन बार विजेता
शब्द मसीहा
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